World Pulses Day 2023: सिलेब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट से जानें दाल पकाने और खाने के 3 अहम नियम!/World Pulses Day 2023: Learn 3 important rules for cooking and eating pulses from celebrity nutritionists!
जब हम बात करते हैं पारंपरिक हेल्दी और संतुलित भारतीय डाइट की, तो उसमें सब्ज़ियों और अनाज के साथ दालों का रोल भी अहम होता है। दालों में ज़रूरी पोषक तत्व होते हैं, जो हमारी सेहत को फायदा पहुंचाते हैं। आयुर्वेद में भी दालों को संतुलित अहार का अहम हिस्सा माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार, दालों का सेवन प्लाज़मा, रक्त, मांसपेशियों, वसा, हड्डियों, नसों, और प्रजनन ऊतक के फंक्शन में मदद करता है। यह शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह की डाइट का अहम हिस्सा होती हैं। आज विश्व भर में वर्ल्ड पल्सेज़ डे (World Pulses Day) यानी विश्व दाल दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर हम आपको बता रहे हैं दालों के सेवन से जुड़े तीन अहम नियमों के बारे में।
कुछ समय पहले सिलेब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवाकर ने दालों के अहमियत और इसे खाने से जुड़े अहम नियमों के बारे में बताया। आइए जानें इनके बारे में।
पहला नियम: पकाने से पहले भिगोएं या अंकुरित करें
रुजुता के अनुसार, दालों को पकाने से पहले भिगोने और अंकुरित करने से एंटी-पोषक तत्वों को कम करने में मदद मिलती है और एंज़ाइम क्रिया को उन्हें तोड़ने की अनुमति देता है। साथ ही दाल को भिगोने से इसके अमीनो एसिड्स मिल जाते हैं। इससे गैस, ब्लोटिंग और बदहस्ज़ी की दिक्कत नहीं होगी।
दूसरा नियम: दाल और अनाज की सही मात्रा का उपयोग है महत्वपूर्ण
उन्होंने अपनी पोस्ट में बताया कि दालों और अनाज की सही मात्रा 1:3 और मिलेट्स व दालों की मात्रा 1:2 अहम साबित होती है। दालों को अनाज और मिलेट्स के मिलाने से उनके आवश्यक और गैर-आवश्यक अमीनो एसिड अनुपात में सुधार होता है। दालों और बीन्स में मेथियोनाइन जैसे अमीनो एसिड की कमी होती है और अनाज में लाइसीन की कमी होती है। वहीं, लाइसीन दालों में खूब होता है, लेकिन यह मेथियोनाइन जैसे अमीनो एसिड के बिना अपना काम पूरी तरह नहीं कर पाता। यही वजह है कि दालों को अनाज या मिलेट्स के साथ मिलाकर खाया जाता है। यह कॉम्बीनेशन उम्र से पहले बालों का सफेद होना रोकता है, हड्डियों को मज़बूत बनाता है और इम्यूनिटी को ताक़त देता है।
तीसरा नियम: हर हफ्ते कम से कम 5 तरह की दालें और बीन्स खाएं
रुजुता यह भी कहती हैं कि हर किसी को हर हफ्ते कम से कम 5 अलग-अलग तरह की दालें ज़रूर खानी चाहिए। इससे आपके शरीर को हर तरह के पोषक तत्व मिल जाते हैं। भारत में दालों और फलियों की 65 हज़ार से ज़्यादा किस्में हैं। इनकों जब दाल, पापड़, बड़ी, इडली, डोसा, लड्डू या फिर हलवे के ज़रिए खाया जाता है, तो इससे आपकी आंतों की सेहत भी चुस्त रहती है।