अनमोल वचन
श्री श्री रविशंकर के प्रवचन: ‘सत्संग’ के दो रूप/Discourses of Sri Sri Ravi Shankar: Two Forms of ‘Satsang’
हमारे मस्तिष्क के दो भाग हैं- दायां और बायां भाग हमारे मस्तिष्क के दो भाग हैं- दायां और बायां भाग। एक भाग तर्क प्रधान है तो दूसरा भाव प्रधान। सत्संग के दो रूप हैं। एक जिसमें ज्ञान चर्चा करते हैं और तर्क को मान्यता देते हैं और दूसरा बिना किसी विचार में उलझे, बिना अर्थ
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