Ram Quotes in Hindi – प्रभु श्री राम के सुविचार
मर्यादा पुरुषोत्तम राम (Ram) का नाम लेना ही व्यक्ति को मोक्ष के मार्ग पर ले जाता है। तुलसीदास जैसा व्यक्ति भी राम नाम का जाप कर प्रभु राम के शरण को प्राप्त हुआ। इस लेख में आप श्री राम से संबंधित सुविचार , अनमोल वचन , प्रेरणादायक विचार आदि का बहुतायत मात्रा में संकलन प्राप्त कर सकेंगे। यहां अपने जीवन को सन्मार्ग पर ले जाने की प्रेरणा प्राप्त कर सकेंगे।
प्रभु श्री राम (Ram) अपने भक्तों में कभी भेद नहीं करते , उन्होंने संसार में एक मर्यादा को स्थापित किया। सभी जीवो , जाति-प्रजाति को समान भाव से स्वीकार किया , उनका आदर किया। यहां तक की लंका की समस्त दानव जाति को मोक्ष देकर उन्होंने उसके राज्य को भी उनके उत्तराधिकारीयों को सौंप दिया। वह समाज में धर्म और मर्यादा की स्थापना करने के लिए अवतरित हुए थे।
खुद पर बड़ा विश्वास हो , और श्री राम की आस हो
आ जाए फिर कोई संकट , उसका समूल नाश हो। ।
जिस व्यक्ति को खुद पर विश्वास और मन में श्री राम की आस हो , चाहे कैसी भी विपत्ति उसके निकट आए वह निष्क्रिय हो जाती है। उसका कोई असर व्यक्ति पर नहीं पड़ता।
Ram नाम का महत्व ना जाने वह अज्ञानी अभागा है
जिसके दिल में राम (Ram) बसे हैं वह परम सौभागा है। ।
जो व्यक्ति राम नाम के महत्व से अनभिज्ञ होता है , अज्ञानी होता है वह बदनसीब होता है। उसके विपरीत जो श्रीराम के महत्व को जानता है उस से प्रेम करता है वह परम सौभाग्यशाली होता है।
मन राम का मंदिर है यहां उसे विराजे रखना
पाप का कोई भाग न होगा बस राम को थामे रखना। ।
मन व्यक्ति का मंदिर होता है , उसमें राम को बसा कर रखने से कोई पाप निकट नहीं आता। विपत्ति उस व्यक्ति को दूर से देखकर मुख मोड़ लेती है।
गरज उठे गगन सारा , समुंदर छोड़े अपना किनारा
हिल जाए जहान सारा , जब गूंजे श्री राम का नारा। ।
श्री राम का नाम इस जगत में महान है , उसका स्मरण मात्र से बड़े-बड़े कार्य संभव है। विशालकाय समुद्र भी किनारा छोड़ने पर विवश हो जाता है।
पराक्रमी हुआ है जो निर्भय और पवित्र है
जो अपने संकल्प से डिगता नहीं है। ।
जो व्यक्ति मन से पवित्र होता है वह सबसे बड़ा प्रक्रम ही होता है। कैसी भी परिस्थिति में वह अपने लक्ष्य से विमुख नहीं होता।
मर्यादा पुरुषोत्तम राम कृष्ण कन्हैया राधे श्याम। ।
अयोध्या के हैं वासी राम , जो भी मन से लेता नाम
प्रेम से जो जपता जो नाम , बन जाता उसका काम। ।
जो प्रेम भाव से राम का नाम लेता है उसका सभी काम बन जाता है ऐसे भक्त वत्सल श्री राम है।
तुलसी भरोसे राम के , निर्भय होके सोए
अनहोनी होनी नहीं , होनी हो सो होए । ।
जो व्यक्ति राम के भरोसे हो जाता है वह निर्भय हो जाता है। उसकी कभी अनहोनी नहीं होती , वह निश्चिंत से राम का हो जाता है। जो होनी होगी वह होकर रहेगी सब राम पर विश्वास है।