Guru Ravi Shankar

जीवन को सरल तरीके से जीने के 30 आसान से उपाय जानिए गुरू रविशंकर जी से /Learn 30 easy ways to live life simply from Guru Ravi Shankar

  1. प्रेम कोई भावना नहीं है यह आपका खुद का अस्तित्व है।
  1. मैं आपसे बताता हूँ आपके भीतर एक परमानंद का फव्वारा है प्रसन्नता का झरना है। आपके मूल के भीतर सत्य, प्रकाश, प्रेम है वहां कोई अपराध बोध नहीं है वहां कोई डर नहीं है। मनोवैज्ञानिकों ने कभी इतनी गहराई में नहीं देखा।
  2. किसी को भी श्रद्धा यह समझाने में है कि आप हमेशा वो पा जाते हैं जिसकी आपको जरुरत होती है।
  3. आप खुद आज भगवान का दिया हुआ एक उपहार है इसीलिए इसे प्रेजेंट कहते हैं।
  4. मानव विकास के दो चरण हैं कुछ होने से कुछ ना होना और कुछ ना होने से सबकुछ होना। यह ज्ञान दुनिया भर में योगदान और देखभाल ला सकता है।
  5. जब आप अपना दुःख बांटते हैं वो कम नहीं होता जब आप अपनी खुशी बांटने से रह जाते हैं वो कम हो जाती है। अपनी समस्याओं को सिर्फ ईश्वर से सांझा करें और किसी से नहीं क्योंकि ऐसा करना सिर्फ आपकी समस्या को बढ़ाएगा अपनी खुशी सबके साथ बांटें।
  6. दूसरों की सुनो फिर भी मत सुनो अगर तुम्हारा दिमाग उनकी समस्याओं में उलझ जाएगा ना सिर्फ वो दुखी होंगे बल्कि तुम भी दुखी हो जाओगे।
  7. जीवन ऐसा कुछ नहीं है जिसके प्रति बहुत गंभीर रहा जाए। जीवन तुम्हारे हाथों में खेलने के लिए एक गेंद है गेंद को पकड़े मत रहो।
  8. हमेशा आराम की चाहत में तुम आलसी हो जाते हो। हमेशा पूर्णता की चाहत में तुम क्रोधित हो जाते हो हमेशा अमीर बनने की चाहत में तुम लालची हो जाते हो।
  9. बुद्धिमान वो है जो औरों की गलती से सीखता है। थोडा कम बुद्धिमान वो है जो सिर्फ अपनी गलती से सीखता है। मूर्ख एक ही गलती बार बार दोहराते रहते हैं और उनसे कभी सीख नहीं लेते अपने अंदर सीखने की चाहत रखे।
  10. एक निर्धन व्यक्ति नया साल वर्ष में एक बार मनाता है। एक धनी व्यक्ति हर दिन लेकिन जो सबसे समृद्ध होता है वह हर क्षण मनाता है।
  11. आप अपने कार्य के पीछे की मंशा को देखो अक्सर तुम उस चीज के लिए नहीं जाते जो तुम्हे सच में चाहिए।
  12. यदि तुम लोगों का भला करते हो तुम अपनी प्रकृति की वजह से करते हो।
  13. मैं स्वर्ग से कितना दूर? आप अपनी आँखें खोलो और देखो तुम स्वर्ग में हो।
  14. तुम दिव्य हो तुम मेरा हिस्सा हो मैं तुम्हारा हिस्सा हूँ।
  15. भगवान के यहाँ से तुम्हे सर्वोच्च आशीर्वाद दिया गया है। इस ग्रह का सबसे अनमोल ज्ञान दिया गया है। तुम दिव्य हो तुम परमात्मा का हिस्सा हो विश्वास के साथ बढ़ो यह अहंकार नहीं है यह पुन: प्रेम है।
  16. तुम्हारा मस्तिष्क भागने की सोच रहा है और उस रास्ते पर जाने का प्रयास नहीं कर रहा है। जहाँ गुरु ले जाना चाहते हैं तुम्हे उठाना चाहते हैं।
  17. चाहत या इच्छा तब पैदा होती है जब आप खुश नहीं होते क्या आपने देखा है? जब आप बहुत खुश होते हैं तब संतोष होता है संतोष का धन अर्थ है कोई इच्छा ना होना।
  18. इच्छा हमेशा मैं पर लटकती रहती है जब स्वयं मैं लुप्त हो रहा हो इच्छा भी समाप्त हो जाती है ओझल हो जाती है।
  19. हर एक चीज के पीछे तुम्हारा अहंकार है मैं, मैं, मैं, मैं लेकिन सेवा में कोई मैं नहीं है क्योंकि यह किसी और के लिए करनी होती है।
  20. दूसरों को आकर्षित करने में काफी उर्जा बर्वाद होती है। और दूसरों को आकर्षित करने की चाहत में-मैं बताता हूँ विपरीत होता है।
  21. अपने हुनर को पहचानें और सम्मान दें।
  22. आध्यात्मिक ज्ञान युक्त क्षमता, नवीन क्षमता और संचार को बेहतर बनाता है।
  23. कामयाबी के पीछे बैचेन न हो, अगर लक्ष्य साफ है तो थोड़ा सब्र रखना चाहिए, किस्मत तुम्हारा साथ देगी…।
  24. नए विचारों के लिए दिमाग को खोले, न की सफलता के बारे में चिंतित हो, 100 प्रतिशत प्रयास करना और ध्यान लगाना उद्यमियों के लिए सूत्र है।।
  25. जिंदगी में गंभीर होने जैसा कुछ नही है। जिन्दगी आपके हाथों में एक गेंद की तरह है जिसके साथ खेलना है। गेंद को पकड़ो मत।
  26. हमेशा आराम के चक्कर में रहेंगे तो आप आलसी हो जाएंगे। हमेशा निपुणता की चक्कर में रहेंगे तो गुस्सेल बन जाएंगे, और अगर हमेशा अमीर बनने के चक्कर में रहेंगे तो लालची बन जाएंगे।
  27. एक गरीब आदमी साल में एक बार नए साल का जश्न मनाता है। एक अमीर आदमी प्रत्येक दिन मनाता है। लेकिन सबसे अमीर आदमी हर पल मनाता है।
  28. अपने कार्यों के पीछे के उद्देश्यों को देखें। अक्सर आप उन चीजों के लिए नहीं जाते जो वास्तव में आप चाहते हैं।
  29. दूसरों को आकर्षित में हम ज्यादा ऊर्जा खत्म कर देते हैं और आकर्षण की इच्छा में-ठीक इसके विपरीत होता है।

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