उज्जैन की तरह ही दिखने वाले Mahakal के लखनऊ मंदिर के बारे में जानिए ; भस्म आरती हैं विशेष
जानिए उज्जैन जैसे ही एक मंदिर के बारे में
यदि आप Mahakal Baba के दर्शन के लिए उज्जैन नहीं जा पा रहे हैं तो लखनऊ के एक मंदिर के बारे में हम आपके बताने वाले है कि कैसे यह मंदिर आपके दिल की हर मनोकामना को पूरा कर सकता है यदि आप यहाँ दर्शन के लिए आएं तो आप मनचाहे भाव से भोले बाबा के दर्शन पाकर अपने आप को ख़ुशनसीब मान सकते हैं।तो लखनऊ के मंदिर राजेंद्र नगर के श्री Mahakal मंदिर में महाकाल बाबा विराजे हैं।
यहां उज्जैन की तर्ज पर ही भोर चार बजे बाबा का श्रृंगार और भस्म आरती की जाती है। चूंकि इसके लिए सारी सामग्री उज्जैन से ही मंगाई जाती है। लेकिन मंदिर स्थापना की बात करें तो यहां की तिथि को लेकर कोई प्रामाणिक जानकारी अभी तक सामने नहीं आ पाई है, कहा जाता है कि 1960 में इसका जीर्णोद्धार कराया गया था। कुछ वर्षों बाद मंदिर को और विस्तारित करके यहां श्रीराम दरबार, श्रीकृष्ण दरबार, माता काली और हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित की गई।
हर मनोकामना को पूरा करता है।
शिव भगवान के मुख्य सावन की बात करें तो यहां हर वक्त विशेष रौनक देखने को मिलती है। वहां के व्यवस्थापक अतुल मिश्र ने बताया कि इस बार सावन पर भस्म आरती, चार सोमवार और महाआरती की बुकिंग पूरी हो गई है। सावन पर 14 जुलाई से दस अगस्त तक विविध आयोजन किए जाएंगे ।
सावन के हर सोमवार को रात 12 से सुबह चार बजे तक रुद्राभिषेक होगा। भाेर चार बजे बाबा का श्रृंगार किया जाएगा । भस्म आरती सुबह साढ़े पांच बजे होगी। हरिहर जल स्नान सुबह साढ़े छह बजे से दोपहर 12 बजे तक होगा। उसके बाद फिर दोपहर में 12:30 से शाम पांच बजे तक रुद्राभिषेक होगा। शाम पांच बजे श्रृंगार और रात आठ बजे आरती होगी।
कब होता है रुद्राभिषेक
वहीं, प्रतिदिन रुद्राभिषेक सुबह चार बजे, दोपहर में 12:30 बजे से साढ़े चार बजे तक होगा। श्रृंगार दोपहर साढ़े चार बजे होगा। रात आठ बजे आरती और शयन मंगल आरती रात साढ़े दस बजे होगी। आठ अगस्त को महाआरती होगी।
सुबह से दोपहर तक पूजन व्यवस्था प्रतिदिन की तरह होगी। केवल आठ अगस्त को महारुद्राभिषेक जो शाम साढ़े छह बजे से लेकर रात आठ बजे तक चलेगा। श्रृंगार रात आठ बजे होगा। महाआरती रात आठ बजे से साढ़े नौ बजे तक होगी। दस अगस्त को ही दोपहर 12 से शाम पांच बजे तक भंडारा लगेगा।